होलाष्टक 2020 में कब से कब तक है Holashtak Date Time 2020

होलाष्टक में क्या न करे Do Not These Works in Holashtak

होलाष्टक 2020होलाष्टक 2020- शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मॉस की पूर्णिमा तिथि के दिन होली का पर्व मनाया जाता है होलाष्टक होली से ठीक आठ दिन पहले शुरू होते है। पंचांग की माने तो हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होते है. होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे- शादी, विवाह, वाहन खरीदना या अन्य तरह के सभी शुभ कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है.  आज इस विडिओ में हम आपको साल 2020 में होलाष्टक शुरू होने की तिथि, इस दिन शुरू होने वाले कार्य और होलाष्टक में किन कार्यो को करने की मनाही होती है इस बारे में बताएँगे.

होलाष्टक कब से है Holashtak kab shuru hai 2020

चन्द्र मास के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है. होली पर्व का आगमन होलाष्टक के साथ ही पता चलता है इसीलिए होलाष्टक को होली पर्व की सूचना लेकर आने वाला एक हरकारा भी कहा जाता है होली की शुरुआत होलाष्टक से होकर दुलैण्डी तक रहती है. साल 2020 में 3 मार्च मंगलवार से 9 मार्च सोमवार के मध्य की अवधि होलाष्टक पर्व की रहेगी.

होलाष्टक की विशेषता holashtak ka mahtva

होली पर्व में इन होलाष्टक का बहुत अधिक महत्व माना गया है होलिका पूजन करने के लिये होली से आठ दिन पहले होलिका दहन वाली जगह को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें होलिका दहन की सामग्री जैसे सूखे उपले, सूखी लकडी, सूखी खास व होली का डंडा स्थापित किया जाता है. यह कार्य करने का दिन ही होलाष्टक का पहला दिन होता है. होली का डंडा स्थापित होने के बाद इन आठ दिनों तक यानि की होलिका दहन होने तक कोई शुभ कार्य संपन्न नहीं किया जाता है.

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होलाष्टक क्या करें holashtak me kya kare 

होलाष्टक के दौरान भले ही शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है लेकिन इन 8 दिनों में आपको अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए. क्योकि इस समय किये व्रत उपवास से आपको पुण्य फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा यदि आप होलाष्टको के इन 8 दिनों में धर्म कर्म के कार्य, वस्त्र, अनाज व अपनी इच्छा अनुसार जरुरतमंदों को दानकरते है तो आपको लाभ मिल सकता है।

होलाष्टक भूलकर भी न करे ये काम holashtak na kare ye kaam

होलाष्टक मुख्य रुप से होली के आने की दस्तक देता है. ज्योतिष अनुसार इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान बदलते हैं। जिस कारण इस दिन से एक ओर तो कुछ कार्यो की शुरुआत होती है तो वही कुछ कार्य ऐसे कार्य भी है जिन्हें इस दिन से भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

  1. होलाष्टकों के दौरान इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान परिवर्तन करते है जिस कारण इस समय विवाह, सगाई, मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. क्‍योंकि इन आठ दिनों में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता है.
  2. होलाष्टक के इन 8 दिनों में नया घर खरीदना, भूमि पूजन व नये घर में प्रवेश करने जैसे कार्यो से भी बचना चाहिए.
  3. होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करना भले ही मना होता है लेकिन देवी देवताओं की पूजा और व्रत करने की कोई मनाही नहीं होती है.
  4. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टकों में यानि की फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से प्रकति ने नकारत्मक ऊर्जा का संचार होता है इसीलिए इस समय किसी भी तरह के नए काम नया व्यापार की षुरूआर नहीं करनी चाहिए इस दौरान किये गए शुभ कार्यो में मुस्किलो का सामना करना पढ़ सकता है.
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