जानें वैष्णो देवी मन्दिर और गुफा से जुड़े 5 अद्भुत फैक्ट्स Known Facts about Vashno Devi Temple
माँ वैष्णों देवी का मन्दिर जम्मू-कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों पर बसा हुआ है. हर साल इस मन्दिर में माँ के भक्तो की भीड़ रहती है. इस मन्दिर तक जाने के लिए गुफा से होकर जाना पड़ता है. यह गुफा बहुत ही चमत्कारी और रहस्यों से भरी हुई मानी जाती है।
आज हम आपको माँ वैष्णों देवी मंदिर से और गुफा से जुड़े 5 अनोखे रहस्यों के बारे में बताने जा रहे. आइये जानते हैं क्या हैं ये 5 चमत्कारी रहस्य.
माँ वैष्णों देवी के मन्दिर में जाने के लिए जिस रस्ते हैं प्रयोग किया जाता है की कहा जाता है की यह रास्ता प्राकृतिक रास्ता नहीं है। यहाँ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहने के कारण कृत्रिम रास्ते का निर्माण 1977 में किया गया। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचते हैं।
कई भक्त ऐसे होते हैं जिन्हें माँ के मन्दिर में जाने के लिए प्राचीन गुफा से भवन में प्रवेश का सौभाग्य मिल जाता है। इस गुफा में जाने का एक नियम है कि जब कभी भी दस हजार के कम श्रद्धालु होते हैं तब प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिया जाता है।
कहा जाता है की जब माँ वैष्णो देवी ने भैरव को मारा था तब वह इसी गुफा में मौजूद था. जिसके कारण माता ने यहीं पर भैरव को अपने त्रिशूल से मारा था और उसका सिर उड़कर भैरव घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया।
कहा जाता है की वैष्णो देवी मंदिर की प्राचीन गुफा का काफी महत्व है क्योकि यहां पवित्र गंगा जल प्रवाहित होता रहता है। जिसके कारण भक्त इस जल से पवित्र होकर माता के दरबार में जाते हैं.
वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने वाली घाटी में कई पड़ाव भी हैं, जिनमें से एक है आदि कुंवारी या आद्यकुंवारी। यहीं एक और गुफा भी है, जिसे गर्भजून के नाम से जाना जाता है। गर्भजून गुफा को लेकर मान्यता है कि माता यहां 9 महीने तक उसी प्रकार रही थी जैसे एक शिशु माता के गर्भ में 9 महीने तक रहता है।