समुद्र के कुछ ऐसे रहस्य जिन्हें जानकर रह जाएगे दंग Shall be surprised to learn that some of the secrets of the sea

समुद्र की गहराइयों में छिपे रहस्य  Deep sea hidden secret 

आज हम जानेगे की  विशाल समुद्र का जन्म कैसे, कब हुआ और उसके ऐसे रहस्यो की बात करेगे जो शायद ही कोई जनता हो,  वैज्ञानिकों का अनुमान है कि समुद्र का जन्म आज से पचास करोड़ और 100 करोड़ वर्षों के बीच हुआ। समुद्र का जन्म धरती की सतह में स्थित पानी से भरे विशाल गड्ढे से हुआ है। दरअसल, जब पृथ्वी का जन्म हुआ, तो वह आग का एक गोला थी। पृथ्वी जब धीरे-धीरे ठंडी होने लगी, तो उसके चारों तरफ गैस के बादल फैल गए। ठंडे होने पर ये बादल काफी भारी हो गए और उनसे लगातार मूसलाधार वर्षा होने लगी।

पृथ्वी की सतह के गर्म होने की वजह से जो भी पानी बरसता था, वह भाप बनकर उड़ जाता था और वायुमंडल में बादल बनकर फिर से बरसने लगता था। लाखों साल तक ऐसा ही होता रहा।  पानी से भरे धरती की सतह के ये विशाल गड्ढे ही बाद में समुद्र कहलाए। आज भी धरती की सतह पर कई महासागर हैं।पृथ्वी की 70.92 प्रतिशत सतह समुद्र से ढकी है। इसका आशय यह है कि पृथ्वी के लगभग 36,17,40,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में समुद्र है। विश्व का सबसे विशाल महासागर प्रशांत महासागर है विश्व का सबसे विशाल सागर दक्षिण चीन सागर है जिसका क्षेत्रफल 29,74,600 वर्ग किलोमीटर है।

समुद्री नमक की कुछ खास जानकारी  यूं तो बाजार में खाने का नमक मिलता है, लेकिन आसानी से समुद्री नमक भी मिल जाता है। इस समुद्री नमक के कई उपयोग हैं। एक उपयोग यह है कि मान्यता अनुसार घर में इसका पोंछा लगाने से दरिद्रता दूर होती है। एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक (समुद्री नमक) भरें और इस कटोरी को बाथरूम में रखें। इस उपाय से भी नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी। 

नमक में अद्भुत शक्तियां होती हैं, जो सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों को नष्ट कर देती हैं। इसके अलावा इससे घर आई दरिद्रता का भी नाश होता है और महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

समुद्री लहरों का रहस्य –  समुद्र की लहरें 3 तरह से पैदा होती हैं। पहली समुद्र की सतह पर बहने वाली हवा, दूसरी चंद्रमा के कारण उत्पन्न हुआ ज्वार और तीसरी समुद्र के भीतर कहीं आया भूकंप।  हवा या तूफान से उत्पन्न लहरें भूमि के पास उथले पानी में पहुंचने पर मंद पड़ने लगती हैं फिर भी कभी-कभी इनकी ऊंचाई 30 से 50 मीटर तक हो सकती हैं। अधिक ऊंची लहरें अस्थिर हो जाती हैं और अंतत: सागर तट पर झाग के रूप में टूटती हैं। ‘सुनामी’ नामक लहरें समुद्र तल पर आए भूकंप या भूस्खलन की वजह से उत्पन्न होती हैं और सागर के बाहर मुश्किल ही दिखाई देती हैं, लेकिन किनारे पर पहुंचने पर ये लहरें विनाशकारी रूप धारण कर लेती हैं। चंद्रमा से उत्पन्न लहरें भी कभी-कभी विनाशकारी साबित होती हैं। 

चंद्रमा के कारण दैनिक रूप से 2 बार उत्पन्न होती हैं. सुबह और शाम। यह घटना चंद्रमा द्वारा पृथ्वी पर लगाए जाने वाला गुरुत्व बल के कारण घटित होती है। इसके बाद अमावस्या को समुद्र शांत रहता है जबकि पूर्णिमा को अशांत।

अद्भुत समुद्री जीव-जंतु –  समुद्री जीव 2 प्रकार के होते हैं- पौधे तथा प्राणी। समुद्री जीवन धरती की अपेक्षा कहीं ज्यादा विचित्र और रहस्यों से भरा है। यहां एक और जहां विशालकाय व्हेल है तो दूसरी और आंखों से न दिखाई देने वाली मछलियां या जीव भी अपना जीवन जी रहे हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ब्लू व्हेल की जीभ का वजन  हाथी के बराबर होता  है। महासागर में मौजूद सबसे छोटा जीव प्लैंकटन है।

क्या सचमुच समुद्र में मत्स्य मानव, नाग कन्या या जलपरियां रहती है। दुनियाभर की लोककथाओं इन जलपरियों के बारे में बहुत-सी कथाएं पढ़ने को मिलती है। कहते हैं कि कुंति पुत्र अर्जुन की एक पत्नी जलपरी ही थी। कुछ वर्ष पूर्व अमेरिकी समुद्र में एक इसी तरह की मत्स्य कन्या पाई गई थी हालांकि उसे निकालने के पूर्व ही वह दहशत के कारण मर गई थीं। अखबारों में इसके चित्र भी छपे थे। हालांकि यह खबर कितनी सच थी यह कोई नहीं जानता।

बरमूडा त्रिभुज रहस्य – अटलांटिक समुद्र में एक ऐसी जगह है जिसे बरमूडा त्रिभुज कहा जाता है। पिछले 100 वर्षो मे बरमूडा त्रिभुज में लोगों की मान्यताओं के अनुसार असाधारण रूप से ज्यादा संख्या में वायुयान और जलयान रहस्यमय रूप से कोई सूराग न छोड़ते हुए अदृश्य हुए हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार इस क्षेत्र में 100 के आसपास वायुयान, जलयान और लगभग 1000 व्यक्ति लापता हुए हैं। 

समुद्री गुफाओ का रहस्य – समुद्र की गुफाएं समुद्री लहरों, भूकंपों और ज्वालामुखी के कारण बनती हैं। समुद्र में हजारों तरह की सुरंगें हैं। ये समुद्री सुरंगें पानी से भरी हुई हैं।   समंदर की बड़ी-बड़ी लहरें जब चट्टानों से लगातार टकराती हैं तो उनमें सुराख कर देती हैं, जो धीरे-धीरे ये इतने बड़े हो जाते हैं कि गुफाओं की शक्ल ले लेते हैं। चीन की रेनबो केव के बारे में कहा जाता है कि कुछ हजार साल पहले यह जगह समुद्र में डूबी हुई थी, लेकिन अब यह खूबसूरत गुफा है। कहते हैं कि कई साल पहले इस जगह पर समुद्र का जलस्तर कम हो गया तो इस केव का जन्म हुआ। चीन के गुइलीन में स्थित यह गुफा इतने रंगों से भरी है कि इसे रेनबो केव भी कहते हैं। केव के भीतर एक रोमांटिक नदी भी बहती है। यह केव करीब 240 मीटर लंबी है।

समुद्र स्तर पर हिन्दू कथाओं का रहस्य – हिन्दू गाथा में समुद्र का वर्णन कई बार सुनने को मिलता है। समुद्र मंथन की कहानी बहुत प्रचलित है। देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था और उसमें से 14 प्रकार के रत्न निकले थे। उससेपहले वराह कल्प की शुरुआत में भगवान वराह ने धरती पर से समुद्र का जल हटाकर धरती को रहने लायक जगह बनाई थी।

दूसरी ओर पौराणिक साहित्य में पढ़ते आए हैं कि समुद्र में जलपरियां होती हैं, हाथी औरघोड़े भी होते हैं। शेषनाग भी समुद्र में ही रहता है। समुद्र में कहीं पर एक नागलोक भी हैं, जहां आधे मानव रूप में नाग रहते हैं। यह भी सुना है कि समुद्र में ही 7 पाताल लोक भी हैं।

समुद्र के आवाजो का रहस्य – प्रत्येक समुद्र की आवाज ‍भिन्न है। प्रशांत महासागर को अपेक्षाकृत शांत माना जाता है तो हिन्द महासागर को अशांत। कहीं-कहीं समुद्र की चिंघाड़ती हुई आवाज होती है, तो कहीं पर किसी वाद्य यंत्र के बजने जैसी।  वैज्ञानिकों के अनुसार हर समुद्र की आवाज के पीछे कुछ कारण होता है।  यह आवाज समुद्र की पहचान होती है।

कुछ समय पूर्व दक्षिणी महासागर में एक विचित्र बत्तख जैसी आवाज सुनाई देती थी। वैज्ञानिकों ने बड़ी मशक्कत के बाद इस रहस्य को सुलझाया। उन्होंने उस बत्तख जैसी आवाज को ‘जैव-बत्तख’ उपनाम दिया था। यह आवाज दक्षिणी महासागर में सर्दियों और वसंत के मौसम में सुनाई देती है।   ध्वनि रिकॉर्डर की मदद से पता चला है कि ध्वनि वास्तव में पानी के नीचे अंटार्कटिक मींक व्हेल के दांत बजाने की आवाज है।  इसी तरह प्रत्येक समुद्र की आवाज भी रहस्यमयी है।

समुद्री पर्वत  का  रहस्य – समूचे समुद्र में ऐसे करीब 1 लाख बड़े पर्वतनुमा क्षेत्र हैं।  धरती पर सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है, जो नेपाल-भारत-तिब्बत सीमा पर है और इसकी चोटी समुद्र तल से 8,850 मीटर ऊंची है। लेकिन समुद्र के भीतर इससे भी ऊंचा एक पर्वत है जिसे मौना कीआ माउंटेन कहते हैं। 

इसी तरह समुद्र में हजारों छोटे और बड़े पर्वत पाए जाते हैं। अब तक 1 लाख समुद्री पहाड़ों का पता लगाया जा चुका है। आमतौर पर इन पहाड़ों की ऊंचाई 1 से 3 किमी तक होती है। इनमें से अधिकतर पहाड़ पानी के अंदर ही डूबे होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ पानी के ऊपर भी आ गए हैं। समुद्र के पानी से ऊपर उठे हुए चपटे पहाड़ों को द्वीप कहा जाता है।

आइये जाने कुछ खास जानकारी   –

  1. समुद्र में लहरें पृथ्वी के घूमने के कारण उठती हैं, जबकि समुद्र के पानी पर चंद्रमा और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काम करता है।
  2. हिन्दू शास्त्रों में समुद्र को 7 भागों में बांटा गया है- लवण का सागर, इक्षुरस का सागर, सुरा का सागर, घृत का सागर, दधि का सागर, क्षीर का सागर और मीठे जल का सागर।
  3. 3.समुद्र में इतना नमक है कि अगर सारा पानी सूख जाए तो पूरी धरती पर 500फ़ीट मोटी नमक की परत फैलाई जा सकती है।
  4. सबसे गरम महासागर हिंद महासागर है। इसके सतह के पानी का तापमान कभी-कभी 36.6 डिग्री को छू लेता है।
  5. आप जानते हैं कि प्रशांत महासागर में “प्रशांत” का अर्थ है “शांतिपूर्ण”. असल में जब लोगों ने पहली बार इसे देखा तो बहुत शांत पाया और इसे “प्रशांत” तब से इसे यह नाम दिया गया ।
  6. सुनामी एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है :- ऊँची समुद्री लहरें।
  7. समुद्र के एक लीटर पानी के 13 बिलियन हिस्से में एक ग्राम सोना मिला रहता है।
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